“जमाना वही है, पर अब कहानी को बदलना जरूरी है”
बदलते हैं जमाने कहानी वही रहती है
बदलते हैं दीवाने, दीवानगी वही रहती है
सन् 2030,
अपने प्रेमी से मिलने को सालों से बेताब एक समुंदर
धीरे-धीरे मंजिल की ओर बढ़ रहा था
तूफान से हाथ मिलाकर वो,
इस शहर को अपनी बाहों में भर रहा था
हम, मैं और तुम, से तब हम हो गए थे
दुनिया के हालात भुलाकर, एक दूजे के हम हो गए थे
अब सवेरे की शुरुआत इश्क से होती थी
इश्क हमारी हवा, हमारी रोटी थी
सुना था कभी कि
पेट भर जाता है प्रेम से, मन नहीं
जाना तभी
कि वक्त कटता है प्रेम बिन, जीवन नहीं
वैसे सब को पता था कि एक वक्त जरूर आएगा
कि समुंदर भी अपने प्रेमी से अलग नहीं रह पाएगा
वो पागल दीवाना सब कुछ ध्वस्त कर जाएगा
फिर भी बिना सोचे, बिना समझे
कि दो प्रेमी को दूर करने का हश्र कितना बुरा होगा
खुदगर्ज हम जीते रहे, कि ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
उस शाम में घर पर अकेली, तुम्हारा इंतजार कर रही थी
हर शाम की तरह उस शाम भी मैं खाना तैयार कर रही थी
कि खबर मिली,
शहर में आई बाढ़ के कारण हजारों लोग फंस गए हैं
गाड़ी, दुकानें, पशु सभी पानी की कब्र में धंस रहे हैं
मैंने आसमान में बनी हमारी खिड़की से देखा,
समुंदर लांघ आया था हर बनावटी रेखा
चारों तरफ अंधेरा, हर आवाज में डर था
इंसानों के शहर में इंसानों पर कहर था
तुम ऑफिस से निकल कर सीधा घर आने वाले थे
रोज की तरह आज भी हम खाना साथ खाने वाले थे
मगर अब खाना ठंडा हो चुका था, मेरे हाथ भी
दुआ में ले रही थी बस तुम्हारा नाम ही
और तभी, तुम्हारा फोन आया
“कहां हो? घर कब आओगे?”
तुम खामोश रहे, फिर कहने लगे-
क्या तुम्हें याद है हमारी पहली मुलाकात
बहुत महीनों के बाद
उस दिन भी बारिश हो रही थी
याद है कैसे
समुंदर की लहरें किनारों को चूम रही थीं
मैंने तुम्हें पताया नहीं कभी
कि तुमसे मिलकर पहली बार ही
मैं समझ गया था कि मुझे अब किनारों की जरूरत नहीं होगी
तुमसे मिलता रहूं बेवजह, मेरी हज़रत तो अब से यही होगी
“सुनो, तुम घर वापस आओगे न?
खाना तैयार है, साथ बैठकर खाओगे ना?”
एक लंबी सांस लेकर तुम बोले-
आज मुझे थोड़ी देर होगी
तुम खाने पर मेरा इंतज़ार मत करना
बदलते हैं जमाने कहानी वही रहती है
बिछड़ते हैं दीवाने, दीवानगी वही रहती है
सन् 2023
आज का दिन.
इससे पहले कि कुछ ऐसा हो, जिसे हम बदल नहीं सकते
अब भी वक्त है, क्या हम संभल नहीं सकते?
हम, जो अपने दिलबर की कस्में खाते हैं, किधर जाएंगे?
जब ठौर-ठिकाने इश्क से पहले बिखर जाएंगे
आखिर प्यार की हर जीत, आबोहवा से ही पूरी है
जमाना वही है, पर अब कहानी को बदलना जरूरी है।
Times change, but the story remains the same
Lovers separate, but the love remains the same
It's 2030
After years of yearning, a restless sea was moving ahead slowly
to meet its beloved land
Joining hands with the storm,
It began taking the city in its arms
You and I had become 'we' by then
Unmindful of the world, we were lost in each other
Our mornings began with love
and love was our sustenance
I'd once heard that
Love can fill your plate but leaves your soul craving
Then I realised
Without love, one passes through life without ever living
Everyone knew that a time would come
when the sea's craving to be united with its beloved would break all bounds
That crazy lover would destroy everything in this pursuit
Still, without thinking or caring
about the consequences of separating these two lovers
We selfishly kept living, oblivious to what might happen
That evening, I was waiting for you at home
Like every evening, I was busy preparing our meal
When I received the news,
A flash flood has stranded thousands in the city
Vehicles, shops, and animals submerged in watery graves
I looked down from our ivory tower
The sea had breached every fabricated border
There was darkness all around and fear in every voice
Humans were under siege in the kingdom of their making
You were going to come back home straight from work
And we would dine together like we did every day
But now, the food had gone cold, just like my hands
And all my prayers began with your name
Just then, you called on the phone.
"Where are you? When will you come home?"
After the pause, you asked, "Do you remember our first meeting?
It was raining that day, too, after so many months
Do you remember how
the waves were kissing the shore
I've never told you this before
but from the moment I saw you, I knew
That I would never need another shore
To be with you, to meet you for no rhyme or reason, would be my heart's only desire."
"My love, will you be back in time?
As always, we shall sit together and dine."
after a long sigh, you said-
"Today, I will be a little late for dinner.
Don't wait up for me."
Times change, but the story remains the same
Lovers separate, but the love remains the same
It is 2023
Today
Before the damage is done beyond repair,
There is still time for us to take a stand and care
We, who swear by our lover's name,
where will we go,
when our homes perish, how will our love survive?
For our clime is the ground for every victory in love
Let's change how our stories end. The time is now.
About the poet:
Helly is a spoken word poet, writer, and storyteller who began her artistic journey in 2018 and has won millions of hearts over the years with her performances. She has been featured by eminent platforms such as Femina India for her poems on social issues. In her own words, she writes about 'love, life, and everything in between.'